अलीगढ़ के होटल मेलरोज इन में एक प्रमुख समाचार पत्र समूह की ओर से कुपोषण को दूर करने के उपायों पर चर्चा की गई। शहर के सभी गणमान्य लोग इस बात के लिए माथा पच्ची करने जुटे कि कुपोषण की समस्या से कैसे निपटा जा सकता है। गौरतलब है कि होटल शहर का सबसे शानदार होटल था। वेन्यू से वहां के मीन्यू का अंदाजा लगाया जा सकता है। आयोजन के विषय में जानकारी लगने के बाद सिर्फ दुष्यंत कुमार की यही पंक्तियां जहन में आईं----
न हो कमीज तो पांवों से पेट ढक लेगें,
यह लोग कितने मुनासिब है इस सफर के लिए
Tuesday, June 16, 2009
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2 comments:
laaloo ji ki mauka parasti kahein ya unka galat raajneetik aanklan .....ab to mushkil hai unka "pradhanmantri" ban na ji.
bahut sahi sher yaad aya aapko , ab samajh aya ki kyo asfal rahti hai ye sangoshthiyaan (kriyanvayan me ...na ki khaane me ) . bahut sahi najar hai aapki .
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