Tuesday, June 16, 2009

अलीगढ़ के होटल मेलरोज इन में एक प्रमुख समाचार पत्र समूह की ओर से कुपोषण को दूर करने के उपायों पर चर्चा की गई। शहर के सभी गणमान्य लोग इस बात के लिए माथा पच्ची करने जुटे कि कुपोषण की समस्या से कैसे निपटा जा सकता है। गौरतलब है कि होटल शहर का सबसे शानदार होटल था। वेन्यू से वहां के मीन्यू का अंदाजा लगाया जा सकता है। आयोजन के विषय में जानकारी लगने के बाद सिर्फ दुष्यंत कुमार की यही पंक्तियां जहन में आईं----
न हो कमीज तो पांवों से पेट ढक लेगें,
यह लोग कितने मुनासिब है इस सफर के लिए

Sunday, June 14, 2009

उठ कर जब तेरे आगोश से चलते हैं

उठ कर जब तेरे आगोश से चलते हैं
कैसे-कैसे ख्याल दिल में मचलते हैं
जैसे कोई मैयकश मैयकशी में बहकर
जैसे कोई बादल किसी जगह ठहरकर
जैसे कोई शायर गजल नई कहकर
और दीवाने तेरा ख्याल करते हैं
उठकर जब तेरे आगोश से चलते हैं